Friday, September 14, 2007

बढ़ती आबाधि

बढ़ती आबादी

बस कुछ ही सालों की बात है, हिंदुस्तान की आबादी चीन से भी बढ़कर होगी| सरकार इसको निपटने के लिये क्या-क्या कर रही है इसका मुझे ज्यादा पता नही, लेकिन मेरे हिसाब से इस मसले के हल है शिक्षा|
हमारे देश के गाँवों मे लड़के का जन्म अच्छा माना जाता हे और लड़कियों का बुरा| लड़के का फ़र्ज़ हे पूरे परिवार का भार उठाना और लड़की का घर का काम सीखना और एक दिन निकाह करके पराया हो जाना| इसलिये परिवार का मरद तब तक बच्चे पैदा करता है जब तक लड़का न हो| आखिर मे जब लड़का पैदा होता है तो पिताजी ख्याल करते हे कि ये बड़ा होकर अपनी बहनों का निकाह कर्वायेग़ा और बुढ़ापे मे हमारी देखरेख करेगा और ऐसे ही ज़िदग़ी भर तीर्जिया इस बंदे के ज़िस्त का मुक़्क़द्दर बन जाती है|
जब तक लोग औरत जात की महत्वाकांक्षा को मान्यता नही देंगे और दोनो लड़के और लड़कियाँ को स्कूल नही भेजेंगे तब तक ग़रीबी,अशिक्षा और बढ़ती जनसंख्या दीमक बनकर हमारे वतन को कमजोर करती जायेग़ी| अगर सरकार की कोशिश से औरत और मर्दों को बराबरी की शिक्षा दी जाऐं और मर्दों कि तरह औरतों को उनके पसंद का काम करने का मौका मिले तो हम जनसंख्या विस्फोट से निपटने का सुझाव ढूँढ सकते है|

2 comments:

Nikhil Chopra said...

There are fullstops missing in the blog when i uploaded it.I dont know how to edit it and make corrections

उन्मुक्त said...

स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में। चिट्ठी में संशोधन के लिये साइन-इन कर पोस्ट में जा कर उस चिट्ठी को आसानी से संशोधित किया जा सकता है।