Wednesday, November 21, 2007

निखिल चोपडा

मे आज कुछ अपने बारे लिखना चाहता हूँ| मेरी साल गिरह अपरेल २० को हैं, चार साल की उम्र मैं मेरा बोर्डिंग स्कूल मैं दाकिला हुआ जो मेरे घर के काफी दूर था| पहला साल सबसे मुशकिल था क्यूंकि घर की बहुत याद आती थी, हर वक्त मेरे चहरे पर मायूसी थी और स्कूल के लोग काफी सकती से पेश आया करते थे, मगर साल दो साल बाद दोस्त बन चुके थे और फिर घर की कमी ज़्यादा महसूस नही होती थी| बचपन में खूब खेला करता था मगर आहिस्ता- आहिस्ता सुस्त होता गया, शायद इसी वजह से मुझे कविता का शोक हुआ; कम लफ्जों में अपने दिल-ओ-दिमाग का इज़हार कलाम से किया जा सकता हैं| में पढ़ाई का कम खेल का ज़्यादा शोकीन हूँ| मुझे वोल्लिबोल और सौ-कर मे दिलचस्पी हैं| में कोशिश करता हूँ की टीवी पर इनके बड़े-बड़े गेम्स ज़रूर देखा करूं| पढाई-लिखाई में मुझे गाणित सबसे ज़्यादा पसंद हैं क्यूंकि बाकियों में सवाल मे गणित के अलावा और भी चीजे करनी होती हैं| गणित के अलावा में हिन्दी में लिखी गई उर्दू कविता का बहुत शोकीन हूँ| मुझे साहिर लुधिंवी और मीना कुमारी (महजबीं बनो) की कविताए दूसरे शा.इरो के मुकाबिले में ज़्यादा पसंद हैं| अगले ब्लॉग मैं में आपको अपने कालेज के बारे में बताऊंगा|

1 comment:

Sanjeet Tripathi said...

ज़रुर बताइएगा, हम शौक से पढ़ेंगे!