साइबर रोमांस की पहली सीढ़ी है विभिन्न चैट साइट। यहाँ लोग नेट के जरिए पहुँच, आपस में बातचीत करते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। कुछ लोग संबंधों को इससे भी आगे ले जाने के इच्छुक होते हैं और वे आपस में मिलने या फोन करने जैसी प्रक्रिया में लग जाते हैं।
चैट साइट पर विचारों का आदान-प्रदान तमाम के दिल टूटने का वायस भी बनता है। आशा के लिए तो कम से कम ऐसा हुआ ही है। आशा ने चैट साइट के जरिए पहली बार 35 लोगों से एक साथ संपर्क साधा और एक व्यक्ति से उसके विचार काफी हद तक मिले भी। लंबे समय तक चैट साइट पर विचारों के आदान-प्रदान के बाद आशा ने उससे मिलने का मन बना ही लिया और पहली मुलाकात में ही उसका दिल टूट गया। वह जिससे मिली वह सिर्फ लच्छेदार बातों में धनी था। जब आशा ने जिम्मेदारियों और अन्य गंभीर विषयों पर बातचीत शुरू की तो वह पहले दर्जे का मूर्ख साबित हुआ। इसके बाद तो आशा ने साइबर रोमांस के बारे में सोचना तक गवारा नहीं किया।
लेकिन जरूरी नहीं कि प्रत्येक रोमांस का हश्र आशा जैसा ही हो। सुनय के साथ तो बिलकुल जुदा ही हुआ। नेट पर फ्लर्ट करने के दौरान उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई। बातचीत होती रही और पहली मुलाकात ने थोड़ी-बहुत बची ढँकी-छिपी बातों का भी खुलासा कर दिया। नतीजतन दोनों ने पहले-पहल एक-दूसरे को चुना फिर एक-दूसरे के माँ-बाप ने देखा और पसंद कर लिया। और वे शादी के बंधन में बंध गए।
Tuesday, October 16, 2007
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2 comments:
हर बात के अच्छे बुरे दोनों आयाम होते हैं और वो ही नेट के साथ है. आपने अच्छा विषय उठाया, बधाई.
ये होना तो समय का ही एक हिस्सा है. आपने अच्छा विषय उठाया,लिखते रहें धन्यवाद.
http://kakesh.com
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